साइलेज क्या है?
साइलेज तैयार करने के लिए मक्के की हरी व मीठी फसल को भुट्टे, दाने,तना एवं पत्ती सहित कुट्टी और crush कर के हवा रहित वातावरण वाले प्लास्टिक बैग यांबेल में सील कर अचार बना लिया जाता है जो एक डेढ़ साल तक ख़राब नहीं होता। सर्वोत्तम यंत्रों का उपयोग करते हुए फसल को 30-35% शुष्क अवस्था पर कुट्टी करने के बाद सील कर के ferment किया जाता है। हवा रहित वातावरण में fermentation विधि से चारे का Lactic Acid Bacteria द्वारा अम्लीकरन करने से करीब 40 दिन बाद साइलेज तैयार हो जाता है। यह डेयरी मवेशी, भेड़ और बकरियों के लिए बहुत ही पोषक आहार है जो भूसे और हरे चारे के बदले खिलाया जाता है। क्योंकि मक्का सभी चारा फसलों में राजा है और जुगाली करने वाले पशुओं के लिए अत्यंत मूल्यवान है; हमारा मिल्कोफोड साइलेज हमेशा मक्के की हरी व मीठी फसल से ही तैयार किया जाता है। मिल्कोफोड साइलेज पशुधन के लिए एक उच्च ऊर्जा वाला शानदार चारा व अत्यधिक पोषक आहार है। इस में उच्च गुणवत्ता वाले फाइबर के साथ उच्चतम कार्बोहाइड्रेट, चुनन्दा प्रोटीन, खनिज और सूक्ष्म तत्व भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। मिल्कोफोड साइलेज पशुपालकों के लिए भूसे, हरे चारे का बहुत अच्छा विकल्प है।
साइलेज खिलाने के लाभ?
संतुलीत राशन की विधि को साइलेज के साथ अपनाओ तो पशुपालकों को दूध उत्पादन में वृधि के अलावा निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं (मिल्कोफोड साइलेज एक --- फ़ायदे अनेक):
साइलेज कितना खिलायें?
पशुओं के दूध देने की अवस्था के आधार पर प्रति दिन 10 से 25 किलो ग्राम साइलेज प्रति जानवर की दर से खिलाया जाना चाहिए। साइलेज खिलाते समय किसानों द्वारा दूसरी सामग्री को काफी कम किया जा सकता है। याद रहे जानवरों को साइलेज के नए स्वाद और नई ख़ुशबू के लिए तैयार करना अतिआवश्यक है। शुरुआती दिनों में काफी कम मात्रा में खिलाएँ। फिर हर रोज़ साइलेज की मात्रा बढ़ाते चलें।
साइलेज की गुणवत्ता के मानक?
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